सर्वाइकल-कितने-प्रकार-का-होता-है

सर्वाइकल कितने प्रकार का होता है इससे निजात पाने के तरीके

आज हम इस लेख के जरिए बताएंगे कि सर्वाइकल कितने प्रकार का होता है, आपको यह जानने के लिए इस पोस्ट पर अंत तक पढ़ना होगा।

सर्वाइकल-कितने-प्रकार-का-होता-है
सर्वाइकल कितने प्रकार का होता है

गर्दन के हिस्से को सर्वाइकल कहा जाता है। रीढ़ की हड्डी का कुछ भागों में विभाजन होता है। रीढ़ की हड्डी का ऊपरी भाग  रीढ़ की हड्डी के गर्दन के वाले हिस्से में जो दर्द होता है उसे सर्वाइकल पेन कहा जाता है। सर्वाइकल पेन सिर्फ गर्दन ही नही बल्कि शरीर के दुसरे हिस्सों में बढ़ता जाता है। सर्वाइकल पेन एक सामान्य समस्या है जो अधिकतर लोगों में देखने को मिलती है। सर्वाइकल पेन बुजुर्ग में ही नहीं बल्कि युवाओं में भी देखने को मिल रही है। सर्वाइकल पेन की वजह कही न कही हमारे लाइफस्टाइल भी होता है। रीढ़ की हड्डी के जोड़ों और डिस्क में किसी भी तरह की परेशानी उत्पन्न होती हैं जिससे सर्वाइकल पेन होने की संभावना बनी रहती है जिसकी वजह से हड्डियों व जोड़ों में पेन होने लगता है। इस तरह का पेन होने के बावजूद भी लोग हल्के में लेते है जिससे समस्या और बढ़ जाती है। सर्वाइकल पेन में लोगों को बहुत ही ज्यादा पेन का सामना करना पड़ता है।

सर्वाइकल के कारण

सर्वाइकल पेन किन कारणों की वजह से होता है।

  • एक ही अवस्था बैठे रहने से- ज्यादातर समय एक ही अवस्था में बैठे रहने से गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दर्द शुरू हो जाता है।
  • सही अवस्था में न सोने से- गलत तरीके से सोने से रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर पड़ता है ये भी सर्वाइकल पेन की वजह होता है।
  • गर्दन की हड्डी बढ़ना- गर्दन की हड्डी बढ़ना भी सर्वाइकल पेन का कारण होता है।
  • झुककर बैठना- ज्यादातर समय तक झुककर बैठे रहने से भी सर्वाइकल पेन होता है।
  • तनाव- तनाव अधिक भी सर्वाइकल पेन की वजह माना जाता है इसलिए व्यक्ति को कोशिश करना चाहिए कि जितना हो सके तनाव से दूर रहें।
  • गर्दन में चोट- गर्दन की हड्डी में चोट लगने का खतरा अधिक होता है। किसी भी तरह की चोट लगी हो जिससे गर्दन में पेन होता है।

सर्वाइकल पेन के लक्षण-

  • गर्दन में दर्द।
  • चलने फिरने में परेशानी होना।
  • चक्कर आना।
  • सिर भारी होना।
  • गर्दन अकड़ जाना।
  • सिर के पिछले हिस्से एवं कंधों में दर्द होना
  • मांसपेशियों में ऐंठन एवं चलने में दिक्कत होना।
  • हाथ, पैरों में झनझनाहट होना।
  • गर्दन के अलावा हाथों में दर्द होना।

इस तरह के लक्षण सर्वाइकल पेन से खतरे से अवगत कराते है। इस तरह के लक्षण को नजरंदाज के बजाय इनका सही समय पर सही ढंग से इलाज करना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते है कि

सर्वाइकल कितने प्रकार का होता है

सर्वाइकल पेन सामान्यतः पांच तरह का होता है

  • मांसपेशियों में दर्द
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • सिर दर्द
  • गर्दन के ज्वाइंट में पेन
  • नसों को दर्द

1. मांसपेशियों में दर्द

सर्वाइकल पेन ज्यादा समय तक शारीरिक एवं भावनात्मक तनाव के चलते कंधे एवं गर्दन की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।

2. मांसपेशियों में खिंचाव

गर्दन में चोट एवं सिर पर चोट लगने से मांसपेशियों में अचानक में खिंचाव उत्पन्न होने लगता है।

3. सिर दर्द

सर्वाइकल पेन सबसे ज्यादा सिर दर्द एवं गर्दन के ऊपरी हिस्से में होता है। ये दर्दनाक एवं सुस्त होता है।

4. गर्दन के ज्वाइंट में पेन

गर्दन के ज्वाइंट में पेन में परेशानी रीढ़ की हड्डी से शुरू हो जाती है। गर्दन के ज्वाइंट में पेन अर्थराइटिस के कारण भी हो सकता है।

5. नसों में दर्द

नसों में जलन और बहुत तेजी से दर्द होने लगता है। ज्यादा तेज होने पर गर्दन में रीढ़ की हड्डी संकुड़ जाती है।

सर्वाइकल पेन से निजात पाने के लिए

  • नियमित एक्सरसाइज करें
  • कैल्शियम एवं विटामिन डी से भरपूर चीजों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
  • गर्म पानी की सिकाई करें।
  • बैठते समय ध्यान रहे कि गर्दन सीधी हो।
  • स्मोकिंग एवं कैफीन युक्त चीजों से सेवन से बचें।

सर्वाइकल कितने प्रकार का होता है, हमने इस पोस्ट में आपको बताया। साथ ही सर्वाइकल पेन से निजात पाने हमने कुछ तरीके भी बताये, इन तरीकों को अपनाकर आप सर्वाइकल पेन से निजात पा सकते है। सर्वाइकल पेन को हल्के में बिलकुल भी ना लें बल्कि इसका सही समय पर उपचार कराएं। खाने पीने के साथ साथ एक्साइज पर भी ध्यान दें।

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